इस्लाम में दोस्त का मक़ाम
इस्लाम मै दोस्त की शान
*हज़रत अली* ने अपने बेटे *हज़रत इमाम हसन* से फ़रमाया...
बेटा जब तुम पर कोई सख्ती/मुश्किल आ जाए तो अपने "दोस्तों" से ज़िक्र किया करो, क्यूंकि उसके 4 नतीजे निकलेंगे...
1) या अपने ज़िम्मे ले लेगा..
2) या मदद दे देगा...
3) या मश्वरे से रहनुमाई करेगा..
4) या फिर दुआ करेगा जो कबूल होगी...
कितना बड़ा मक़ाम हे दोस्त का..
सभी दोस्तों के लिए।
Comments