ईदुल अज़हा की सुन्नतें
☆☆ईदुल अज़हा की सुन्नतें☆☆
1. 9 ज़िल हज्जा की फ़ज्र से 13 ज़िल हज्जा की अस्र तक तकबीरात कहना । [बैहक़ी: 3/314]
2. तकबीरात: अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह, वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर वलिल्लाहिल हम्द. [इब़्न अबी शैबा: 5652]
3. गुस्ल करना । [बैहक़ी: 3/278]
4. अच्छा कपड़ा पहनना । [बैहक़ी: 3/281]
5. खुशबू लगाना और मिसवाक करना । [इब्न माजह: 1098]
6. नमाज़ ए ईदुल अज़हा से पहले कुछ न खाना । [तिर्मिज़ी: 542]
7. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के लिये ईद गाह जाना । [बुखारी: 956]
8. ईद गाह पैदल जाना । [तिर्मिज़ी: 530]
9. अपने दोस्तों और क़रीब वालों के साथ ईद गाह जाना । [इब़्न ख़ुज़ैमा: 1431]
10. घर से ईद गाह जाने तक तकबीरात कहना । [बैहक़ी: 3/669]
11. तकबीरात: अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह, वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर वलिल्लाहिल हम्द. [इब़्न अबी शैबा: 5652]
12. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के लिये एक रास्ते से जाना और दुसरे रास्ते से वापीस आना । [बुखारी: 986]
13. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के बाद क़ुर्बानी करना । [बुखारी: 5546]
14. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के बाद क़ुर्बानी का गोश्त खाना । [दारक़ुत़नी: 1697]
15. ईद की मुबारक बाद ☆☆ईदुल अज़हा की सुन्नतें☆☆
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1. 9 ज़िल हज्जा की फ़ज्र से 13 ज़िल हज्जा की अस्र तक तकबीरात कहना । [बैहक़ी: 3/314]
2. तकबीरात: अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह, वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर वलिल्लाहिल हम्द. [इब़्न अबी शैबा: 5652]
3. गुस्ल करना । [बैहक़ी: 3/278]
4. अच्छा कपड़ा पहनना । [बैहक़ी: 3/281]
5. खुशबू लगाना और मिसवाक करना । [इब्न माजह: 1098]
6. नमाज़ ए ईदुल अज़हा से पहले कुछ न खाना । [तिर्मिज़ी: 542]
7. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के लिये ईद गाह जाना । [बुखारी: 956]
8. ईद गाह पैदल जाना । [तिर्मिज़ी: 530]
9. अपने दोस्तों और क़रीब वालों के साथ ईद गाह जाना । [इब़्न ख़ुज़ैमा: 1431]
10. घर से ईद गाह जाने तक तकबीरात कहना । [बैहक़ी: 3/669]
11. तकबीरात: अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह, वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर वलिल्लाहिल हम्द. [इब़्न अबी शैबा: 5652]
12. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के लिये एक रास्ते से जाना और दुसरे रास्ते से वापीस आना । [बुखारी: 986]
13. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के बाद क़ुर्बानी करना । [बुखारी: 5546]
14. नमाज़ ए ईदुल अज़हा के बाद क़ुर्बानी का गोश्त खाना । [दारक़ुत़नी: 1697]
15. ईद की मुबारक बाद इन अलफ़ाज़ मे दें: تَقَبَّلَ اللهُ مِنَّا وَمِنْكَ - अल्लाह हमारी और तुम्हारी तरफ़ से क़ुबूल फ़रमाए । [फ़तहुल बारी: 2/517]
[नोट: इस पोस्ट मे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और सहाबा किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम की सुन्नतें बयान की गई हैं अलफ़ाज़ मे दें: تَقَبَّلَ اللهُ مِنَّا وَمِنْكَ - अल्लाह हमारी और तुम्हारी तरफ़ से क़ुबूल फ़रमायै
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