रहम करने की फजीलत

(रहम करने कि
फज़िलत)

⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया कि मुस्लमान वह जिसके हाथ व ज़ुबान से लोग महफूज रहै और वह जानवरो पर रहम करे उनसे उनकी ताकत के मुताबिक काम ले

⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया कि एक शख्स सफर मे जा रहा था कि उसे रास्ते मे सख्त प्यास लगी उसे करीब ही एक कुआँ नज़र आया तो उसने कुए से पानी पिया और जब पानी पिके आगे चला तो उसे एक कुत्ता नज़र आया जो प्यास के मारे ज़ुबान बहार निकाले पङा था उस शख्स को ख्याल आया कि ईसे भी मेरी तरह प्यास लगी होगी! वह वापस कुए पर आया और मुह मे भर कर उस प्यासे कुत्ते को पानी पिला दिया अल्लाह ने सिर्फ इसी रहम करने कि बदोलत उसके गुनाहों को बख्श दिया
सहाबा किराम ने सवाल किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम जानवरो पर हमदर्दी करने से भी हमे सवाब मिलता है? आपने फरमाया हर जानदार पर हमदर्दी करने का सवाब है

⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया है कि रहम करने वालो पर अल्लाह रहम करता है तुम ज़मिन वालो पर रहम करो आसमान वाला तुम पर रहम करेगा

⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया कि जो किसी पर रहम नही करता ,,,,उस पर  रहम नही किया जाता और जो किसी को नही बख्शता उसे बख्शा नही जाता

⭐हज़रते अबु दरदा रज़ियल्लाहु अन्हु बच्चो से चिङिया खरीद कर उन्हे छोङ देते और फरमाते जाओ आज़ादी कि ज़िन्दगी गुज़ारो
(मुकाशिफतुल कुलुब, ,,,बाब,18.सफा,,,131)

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