आदमी पर अपने नफ़्स के आदाब
आदमी पर अपने नफ़्स के आदाब
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नमाज़े जुमुआ और बा जमाअत नमाज़ पर
हमेशगी इख़्तियार करे, लिबास की पाकीज़गी व सफाई का ख्याल रखे, हमेशा मिस्वाक करने की आदत बनाए,
न तो शोहरत वाला लिबास पहने और न ही ऐसा
लिबास पहने कि जिस कि जिस की वजह से लोग उसे हक़ारत की नज़रों से देखें!!
न तो बतौरे तकब्बुर इतने लम्बे कपड़े पहने कि टखनों से निचे लटक जाएं और न ही इतने छोटे हों कि लोग मज़ाक उड़ाने लगें, न चलने फिरने में इधर उधर देखे, न गैर महरम की तरफ देखे, गुफ्तगू के दौरान बार बार थू थू न करे, न पड़ोसियों के साथ अपने घर के दरवाज़े पर ज़्यादा देर बैठे और न ही अपने दोस्तों से अपनी बीवी और घर के पोशीदा मुआमलात के मुतअल्लिक़ गुफ्तगू करे।
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नमाज़े जुमुआ और बा जमाअत नमाज़ पर
हमेशगी इख़्तियार करे, लिबास की पाकीज़गी व सफाई का ख्याल रखे, हमेशा मिस्वाक करने की आदत बनाए,
न तो शोहरत वाला लिबास पहने और न ही ऐसा
लिबास पहने कि जिस कि जिस की वजह से लोग उसे हक़ारत की नज़रों से देखें!!
न तो बतौरे तकब्बुर इतने लम्बे कपड़े पहने कि टखनों से निचे लटक जाएं और न ही इतने छोटे हों कि लोग मज़ाक उड़ाने लगें, न चलने फिरने में इधर उधर देखे, न गैर महरम की तरफ देखे, गुफ्तगू के दौरान बार बार थू थू न करे, न पड़ोसियों के साथ अपने घर के दरवाज़े पर ज़्यादा देर बैठे और न ही अपने दोस्तों से अपनी बीवी और घर के पोशीदा मुआमलात के मुतअल्लिक़ गुफ्तगू करे।
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