नमाज का तरीका

 नमाज़ का तरीका
    ( Part 14)

     क़ादह में तशह्हुद में "अशहदू अंल्ला-इलाह" के लाम के करीब पहुचे तो सीधे हाथ की बिच की ऊँगली और अंगूठे का हल्का बना लीजिये और छुंगलिया (छोटी ऊँगली) और बिन्सर यानि उसके बराबर वाली ऊँगली को हथेली से मिला दीजिये और कलिमे की ऊँगली उठाइये।

     मगर इसको इधर उधर मत हिलाये और "इला" पर ऊँगली गिरा दीजिये और फौरन सब उंगलिया सीधी कर लीजिये।

     अब अगर दो से ज्यादा रकअते पढ़नी है तो "अल्लाहु अकबर" कहते हुए खड़े हो जाइये।

     अगर फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ रहे है तो तीसरी और चौथी रकअत में क़याम में "बिस्मिल्लाह और अल्हम्दु शरीफ पढ़िये, सूरत मिलाने की ज़रूरत नहीं।

बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله

 ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 152-153

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