7-तालिब ए इल्म के एहतेराम मे फरिश्ते परवाज़ रोककर खड़े हो जाते हैं और आलिम ए दीन के लिये तमाम मख़लूक मग़फिरत की दुआ करती है
7-तालिब ए इल्म के एहतेराम मे फरिश्ते परवाज़ रोककर खड़े हो जाते हैं और आलिम ए दीन के लिये तमाम मख़लूक मग़फिरत की दुआ करती है
➡ हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहू अन्हू कहते हैं के मैने रसूलुल्लाह सल्ललाहू अलैहे वसल्लम को इरशाद फरमाते हुवे सुना,
" जो शख्स इल्म हासिल करने के लिये किसी रास्ते पर चले तो उसकी वजह से अल्लाह तआला उसके लिये जन्नत का रास्ता आसान फरमा देंगे,"
और उसके अमल से खुश होकर फरिश्ते तालिब ए इल्म के लिये अपने परो को रख देते हैं (यानी परवाज़ रोककर खड़े हो जाते हैं)
और आलिम के लिये आसमानों की तमाम मख़लूक और ज़मीन की तमाम मख़लूक दुआये मग़फिरत करती हैं हत्ता की मछलियां पानी मे,
और आलिम की फज़ीलत आबिद पर ऐसी है जैसी चांद की फज़ीलत बाक़ी सितारों पर,
और तहक़ीक़ उल्मा अंबिया के वारिस हैं और अंबिया अलैहिस्सलाम दिनार और दिरहम का किसी को वारिस नहीं बनाते, वो तो इल्म का वारिस बनाते हैं,
लिहाजा जिसने इल्म हासिल किया उसने बहुत बड़ी खैर हासिल कर ली,"
*📘 तिरमिज़ी ,,2/93,*
*💕ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd💕*
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