जब बन्दा सुरह फातिहा की तिलावत करता है ....

☆जब बन्दा सुरह फातिहा की तिलावत करता है .....


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♥हदीस : अबु हुरैरा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) कहते है मैंने रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम)  को फरमाते सुना,
"अल्लाह फरमाता है मैंने नमाज अपने और अपने बन्दे के दरमियान आधी-आधी तकसीम करदी है, लिहाजा मेरा बन्दा जो सवाल करेगा उसे मिलेगा" -
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जब बन्दा कहता है ( अल्हमदुलल्लिलाही-रब्बील-आलामीन) तो अल्लाह फरमाता है मेरे बन्दे ने मेरी तारिफ की -
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जब बन्दा कहता है (अर्रहमान-निरर्रहीम) तो अल्लाह फरमाता है मेरे बन्दे ने मेरी सना कि - और एक मर्ताबा यु फरमाता है" बन्दे ने अपने काम मेरे सुपुर्द किया -
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और जब बन्दा कहता है (मालीके-यौमीद्दीन) तो अल्लाह फरमाते है" मेरे बन्दे ने मेरी बुजुर्गी ब्यान की -
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जब बन्दा कहता है (इय्याकाना'-बुदु-वाइय्याका-नस्ताय्यीन) तो अल्लाह फरमाता है ये मेरे और मेरे बन्दे के दरमियान मुआमला है और मेरा बन्दा जो मांगेगा उसे मिलेगा -
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जब बन्दा कहता है (इहदेनस-सिरातल-मुस्ताकीम - सिरातल-लजीना-अन'अमता'आ'लैहीम-गैरिल-मगजुबी-अलैहीम-वलद्दालीन) तो अल्लाह फरमाता है "उस बन्दे की ये दुआ भी कुबुल हुई और उसके अलावा जिस चीज का सवाल करेगा (कुछ और मांगेगा) ओ भी उसे दे दुंगा" -
📚(सहीह मुस्लिम, किताब-उस-सलात, 878, 

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