अनमोल मोती – 2

❁ -:अनमोल मोती – 2

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(1)-सबसे ज्यादा कमज़ोर आदमी ओ है जो दोस्त को हासिल करने मे नाकाम हो, और उससे भी ज़्यादा कमज़ोर ओ शख्स है जो हाथ आये दोस्त को गवा दे।
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(2)-नेक काम और सदका गरीबी को दूर करता है और 70 किस्म की दर्दनाक मौत से महफ़ूज़ रखता है और उम्र मे इज़ाफ़ा करता है।
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(3)-जिसको खुद अपना ख्याल नहीं वह किसी और का ख्याल कैसे रख सकता है।
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(4)-अगर ज़िन्दगी खुशयों के साथ गुज़ारना चाहते हो तो ग़मज़दा लोगो के गम सुना करो, कभी दुखी नहीं रहोगे.
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 (5)-सरकार दो आलम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया के इंसान का बे-फायदा बातों को छोड़ देना उसके अच्छे मुस्लमान होने की दलील है.।
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(6)- दुनीयां की  ज़िनत…।
मां, बीवी, औलाद, और दाना दोस्त।
आखिरत की ज़िनत…
इल्म, तक़वा और सदक़ा. और
जिस्म की ज़िनत…
कम खाना, कम सोना और कम बोलना…।
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 (7)-जो औलाद सुबह उठकर अपने  माँ-बाप को प्यार से सिर्फ देख ले तो उस दिन सुबह से शाम तक उसके लिए जन्नत के दो दरवाज़े खोल दिये  जाते है.।
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(8)-हर अच्छे काम के लिए सवाब का अंदाजा है, लकिन सब्र के सवाब का कोई अंदाज़ा नहीं.
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(9)-अल्लाह तआला दोस्त और दुश्मन सबको दौलत और दुनिया आता फ़रमाता है, लकिन ईमान सिर्फ अपने दोस्तों को ही आता फ़रमाता है.
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 (10)- दूसरे लोगो के सामने भलाई की बाते करो, ताकि तुम्हारी गैर मौजूदगी में तुमको अच्छे अल्फ़ाज़ से याद किया जाए.
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(11)- एक छोटी मगर खूबसूरत दुवा…”या अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ! मेरे ओ गुनाह माफ़ फरमा जो मेरी दुवाओ को कुबुल नहीं होने देते.”
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