अनमोल मोती-3

:: अनमोल मोती-3::-


(1)-दुनिया की मिशाल समंदर जैसी है, उससे जितना पानी पिओगे प्यास उतनी ही ज़्यादा लगेगी. मगर प्यास मिटेगी नही.।
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(2)-जो तुम्हे तकलीफ-(दुःख) दे उसे छोड़ दो. मगर जिसे छोड़ दो उसे दुःख न दो, वार्ना तुम मे और उसमे क्या फर्क रहेगा?
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(3)-अपना राज़ अपने अलावा किसी पर ज़ाहिर न करो, क्योंकी हर राज़दार का एक राज़दार होता है.
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(4)- दौलत चूराई जा सकती है , मगर इल्म चुराया नहीं जा सकता। दौलत समय के साथ कम हो जाती है, मगर इल्म कभी कम नहीं होता
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(5)- ज़िंदगी की उलझने शररतो को काम कर देती है, मगर लोग समझते है के हम समझदार हो गये.
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(6)-जो तुम्हारी कद्र नहीं करता तुम उसकी और भी ज़्यादा कदर करो, क्योंकी ज़िन्दगी के किसी मोड़पर उसे तुम्हारी कद्र का एहसास ज़रूर होगा.।
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(7)- अल्लाह तआला को ज़ुबां और दिल का सख्त होना पसंद नहीं है. इसलिए इन दोनों को बगैर हड्डी के बनाया है.

(8)-अगर तुम अपनी मुस्कुराहट के लिए अल्लाह तआला  का शुकरिया अदा नहीं कर शकते तो हमें कोई हक़ नहीं पहुँचता के हम अपने आँसु का कसूरवार अपने रब को ठहराये.।
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(9)- जिसके ज़ुबान दुरस्त हो जाये उसका दिल भी दुरस्त हो जाता है.
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(10)- सच चाहे एक हो या हज़ार, तमाम सच अपने सहारे पर खड़े रहते है. मगर सिर्फ एक झुठ को कायम रखने के लिए दूसरे कई झुठ बोलने पड़ते है.
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(11)- दोस्त अगर दुश्मन बन जाए तो वह दुश्मन से भी ज़्यादा परेशान करता है.
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(12)- इन्सान की काबिलियत उसकी ज़ुबान के निचे छुपी हुवी होती है.
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(13)- किसी के अच्छाई ब्यान करने मे कंजूसी ना करो, मोआफी मांगते रहो और मोआफ़् करते रहो.
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(14)-किसी के एहशन का बदला अदा ना कर सको तो कम से कम जुबान से शुक्रिया अदा जरूर कर लिया करो.।
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:15: हम जैसा सुलक अपने माँ-बाप के साथ करेंगे ठीक वैसा ही सुलूक हमारी औलाद हमारे साथ करेगी.
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