अनमोल मोती
-:: अनमोल मोती-4 ::-
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(1)- कामयाबी हासिल करने के लिए कोशिश करनी चाहिए, और कोशिश करते वक्त मकसद और मंज़िल नज़र मे होनी चाहिए.
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(2)- मन्जिल तक पहुँचने के लिए उम्मीद जरुरी है. और उम्मीद तब पूरी होती है जब नियत नेक हो. नेक नियत वाला कामयाब होता है.
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(3)-माँ की मेहरबानियाँ असमान के सितारों जितनी है.
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(4)-माँ-बाप की इताअत-(फ़रमाँबरदारी) से अल्लाह तआला राज़ी होता है.
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(5)-मेहनत करते रहो. मेहनत की बेशुमार बरकते है. मेहनत करने वाले का जिस्म तंदुरस्त, दिमाग साफ, दिल फ़ैयाज़ और जेब भरी रहती है. और लोग मेहनत करनेवाले की कदर करते है. अल्लाह तआला की नज़र मे महेनत भी इबादत है.
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(6)-आपस-आपस में इस तरह मिलो के दुबारा मिलने की तमन्ना पैदा हो.
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(7)-अकल्मन्द की सच्ची पहचान गुस्से की हालत मे होती है.
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(8)- इंसान जितनी मेहनत बुराई छुपाने मे करता है उतनी मेहनत करे तो बुराई से बच सकता है.
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(9)-एहसान इन्सान को एक दिन गुलाम बना देता है.
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(11)-गुनाह छोटा हो चाहे बड़ा किसी न किसी तरह गुनेहगार को बेचैन करता रहता है.
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(11)- यादें आसमान पर चमकने वाले सितारों की तरह होती है, सितरो को चमकते हुवे और यादो को उभरते हुवे कोई भी नहीं रोक सकता.
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(12)- दुनियाअंकी मुहब्बत सारे गुनह की सरदार है, और यही मुहब्बत इन्सान को अँधा, गूंगा, बहरा और खुदगर्ज बना देती है.
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(14) दौलत कामना बुरा नहीं, दौलत खर्च करना भी बुरा नहीं. मगर गलत तरीके से कामना और ना-जाएज़ जगह खर्च करना बुरा है.
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(15)-बेहतरीन कलाम (बातचीत) वही है जिसमे अल्फ़ाज़ काम और मानी (अर्थ) ज़्यादा हो.
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