मुसलमानों की बीमारियां और इन का इलाज
मुसलमानों की बीमारियां और इन का इलाज
#02
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْـمٰـنِ الرَّحِـيْـمِ
اَلصَّــلٰـوةُ وَالسَّــلَامُ عَــلَـيْـكَ يَا رَسُــوْلَ اللّٰه ﷺ
आज हमारा ये हाल है मुसलमानों की बादशाहत गई, इज्जत गई, दौलत गई, वकार गया, सिर्फ एक वजह से वोह येह कि हम ने शरीअते मुस्तफा की पैरवी छोड़ दी हमारी ज़िन्दगी इस्लामी न रही। हमें खुदा का खौफ, नबी की शर्म, आखिरत का डर न रहा येह तमाम नुहूसतें सिर्फ इसी लिये हैं, आला हज़रत फरमाते हैं :
*दिन लहव में खोना तुझे शब नींद भर सोना तुझे*
*शर्मे नबी, खौफे खुदा, येह भी नहीं वोह भी नहीं*
मस्जिदें हमारे वीरान, मुसलमानों से सीनेमा व तमाशे आबाद। हर किस्म के उयूब मुसलमानों में मौजूद। हिन्दवानी रस्में हम में काइम हैं हम किस तरह इज्ज़त पा सकते हैं।
मुसलमानों की अस्ल बीमारी तो शरीअते मुस्तफा को छोड़ना है अब इस की वजह से और बहुत सी बीमारियां पैदा हो गई। मुसलमानों की सद हा बीमारियां तीन किस्म में
मुन्हसिर हैं।
अव्वल रोजाना नए नए मजहबों की पैदावार और हर आवाज़ पर मुसलमानों की आंखें बन्द कर के चल पड़ना।
दूसरे मुसलमानों की खाना जंगियां और मुकद्दमा बाजियां और आपस की अदावतें। तीसरे हमारे जाहिल बाप दादों की ईजाद की हुई ख़िलाफ़े शरअ या फ़ुज़ूल रस्में। इन तीन किस्म की बीमारियों ने मुसलमानों को तबाह कर डाला, बर्बाद कर दिया, घर से बे घर बना दिया मक़रूज़ कर दिया। गरजे की ज़िल्लत के गढ़े में धकेल दिया।
बाक़ी अगली पोस्ट में..أن شاء الله
*✍️इस्लामी ज़िंदगी* 13
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मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से,
गर होजाए यक़ीन के.....
*अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है...*
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