सवानहे कर्बला

सवानहे कर्बला     (Part 01)
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

 विलादत मुबारका_

Arzoo e madina


     हज़रते इमामे हुसैनرضي الله تعالي عنه की विलादत 5 शाबान सी 4 ही को मदीने में हुई। हुज़ूर ﷺ ने आप का नाम हुसैन और शब्बीर रखा और आप की कून्यत अबू अब्दुल्लाह और लक़ब सिबते रसूलुल्लाह और रैहानतुर्रसूल है,

और आप के बरादरे मुअज़्ज़म की तरह आप को भी जन्नती जवानो का सरदार और अपना फ़रज़न्द फ़रमाया।

     हुज़ूर ﷺ को आप رضي الله تعالي عنه के साथ कमाले रफ्त व महब्बत थी। हदिष में इरशाद हुवा : जिस ने इन दोनों (इमामे हसन व हुसैनرضي الله تعالي عنهم) से महब्बत की उस ने मुझ से महब्बत की और जिस ने इन से अदावत की उस ने मुझ से अदावत की।


     हुज़ूर ﷺ ने इन दोनों नौनिहालो को फूल की तरह सूंघते और सिनए मुबारक से लिपटाते।

     हुज़ूर ﷺ की चची हज़रते उम्मुल फ़ज़्ल बिन्ते अल हारिष हज़रते अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब की ज़ौजा एक रोज़ हुज़ूर ﷺ के पास हाज़िर हुई और अर्ज़ की :

 याﷺ आज में ने एक परेशान ख्वाब देखा, हुज़ूर ﷺ ने दरयाफ़्त फ़रमाया : क्या ? 

अर्ज़ किया : वो बहुत ही शदीद है। उनको उस ख्वाब के बयान की जुरअत न होती थी। हुज़ूर ﷺ ने मुक़र्रर दरयाफ़्त 
तो अर्ज़ किया की में ने देखा की जसदे अतहर का एक टुकड़ा काटा गया और मेरी गोद में रखा गया। इरशाद फ़रमाया : तुमने बहुत अच्छा ख्वाब देखा, انشاء الله تعالى फातिमा ज़


الله تعالي عنها को बेटा होगा और वो तुम्हारी गोद में दिया जाएगा।

     ऐसा ही हुवा। हज़रते हुसैनرضي الله تعالي عنه पैदा हुए और हज़रते उम्मुल फ़ज़्ल की गोद में दिये गए। उम्मुल फ़ज़्ल फरमाती है : में ने एक रोज़ हुज़ूरﷺ की खिदमत में हाज़िर हो कर हज़रते इमामे हुसैन को आप की गोद में दिया, 

क्या देखती हु की चश्मे मुबारक से आसु जारी है। में ने अर्ज़ किया : या रसूलल्लाहﷺ ! ये क्या हाल है ? फ़रमाया : जिब्राईल मेरे पास आए और उन्हों ने ये खबर दी की मेरी उम्मत इस फ़रज़न्द को क़त्ल करेगी। में ने कहा :

 क्या इस को ? फ़रमाया : हा और मेरे पास इस के मक़्तल की सुर्ख मिटटी भी लाए।
*✍🏽बेहक़ी, 6/468*
*✍🏽सवानहे कर्बला, 104*
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