अपने भाईयों की पर्दा पोशी करो


अपने_भाईयों_की_पर्दा_पोशी_करो




मुहम्मद मुस्तफा ﷺ ने अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली رضی اللہ تعالیٰ عنہ से पूछा:
            "अय अली ! अगर तुम किसी मर्द को गुनाह करते देखोगे तो क्या करोगे ?"
अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली رضی اللہ تعالیٰ عنہ ने जवाब देते हुए अर्ज़ किया:
         "उसके गुनाह को छुपाऊंगा-"
रसूलुल्लाह ﷺ ने फिर फ़रमाया:
           "अगर दुबारा उसी शख्स को गुनाह का इर्तिकाब करते देखो तो क्या करोगे?"
इमाम अली फिर अर्ज़ करते हैं:
             "उसके गुनाह पर पर्दा डालूंगा-"
रसूलुल्लाह ﷺ ने तीन मर्तबा यही सवाल किया,मौला अली رضی اللہ تعالیٰ عنہ ने तीनों मर्तबा यही जवाब दिया-

रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
                                 *لافتی الا على*
जवां मर्द फक़त अली हैं-
फिर आप ﷺ ने अपने अस्हाब की तरफ रुख किया और फ़रमाया:

      अपने_भाईयों_की_पर्दा_पोशी_करो

  مستدرك الوسائل ج12 ص426....

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