यज़ीद का मुख़्तसर तज़किरा

सवानहे कर्बला​ (Part 02)
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

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 यज़ीद का मुख़्तसर तज़किरा


     यज़ीद बिन मुआविया अबू खालिद उमवी वो बद नसीब शख्स है जिस की पेशानी पर अहले बैत के बे गुनाह क़त्ल का सियाह दाग है और जिस पर हर क़रन में दुन्याए इस्लाम मलामत करती रही है और क़यामत तक इस का नाम तहक़ीर के साथ लिया जाएगा।

     इसकी शरारते और बेहुदगिया ऐसी है जिन से बद मुआशो को भी शर्म आए। अब्दुल्लाह बिन हन्ज़ला गसिलرضي الله تعالي عنه ने फ़रमाया : खुदा की क़सम ! 

हने यज़ीद पर उस वक़्त खुरुज किया जब हमे अन्देशा हो गया की उस की बदकारियो के सबब आसमान से पथ्थर बरसने लगे।

     महरमात के साथ निकाह और सूद वगैरा मुंहिय्यात को इस बे दिन ने अलानिया रवाज दिया। मदीना व मक्का की हुर्मति कराई। ऐसे शख्स की हुकूमत गुर्ग  की चोपानी से ज़्यादा खतरनाक थी।

     सी 59 ही में हज़रते अबू हुरैराرضي الله تعالي عنه ने दुआ की : या रब ! में तुजसे पनाह मांगता हु सी 60 ही के आगाज़ और लड़को की हुकूमत से।

     रुयानी ने अपनी मुस्नद में हज़रते अबू दरदा सहाबीرضي الله تعالي عنه से एक हदिष रिवायत की है की हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया, मेरी सुन्नत का पहला बदलने वाला बनी उमय्या का एक शख्स होगा जिस का नाम यज़ीद होगा।

     अबू याला ने अपनी मुस्नद में हज़रते अबू उबैदाرضي الله تعالي عنه से रिवायत की, हुज़ूरﷺ ने फ़रमाया : मेरी उम्मत में अदलो इन्साफ क़ाइम रहेगा यहाँ तक की पहला रखना अंदाज़ व बानिये सितम बनी उमय्या का एक शख्स होगा जिस का नाम यज़ीद होगा।
✍🏽सवानहे कर्बला, 112
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