गुस्ल का तरीक़ा #05

*गुस्ल का तरीक़ा* #05
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*मस्तुरात (औरत) के लिये गुस्ल की एहतियाते*

     ◆ ढलकी हुई पिस्तान को उठा कर पानी बहाए। पिस्तान और पेट के जोड़ की लकीर धोए।

     ◆ फ़र्ज़े कारिज (यानि औरत की शर्मगाह के बहार के हिस्से) का हर गोशा हर टुकड़ा ऊपर निचे खूब एहतियात से धोए। 
     ◆ फ़र्ज़े दाखिल (यानि शर्मगाह के अंदरुनी हिस्से) में ऊँगली दाल कर धोना फ़र्ज़ नहीं मुस्तहब है। 

     ◆ अगर हैज़ या निफ़ास से फ़ारिग़ हो गुस्ल करे तो किसी पुराने कपड़े से फ़र्ज़े दाखिल के अंदर से खून का असर साफ़ कर लेना मुस्तहब है।

*✍🏽बहारे शरीअत, जी.1, स.318*

     ◆ अगर नेल पोलिश नाखुनो पर लगी हुई है तो उसका भी छुड़ाना फ़र्ज़ है वरना गुस्ल नहीं होगा, हा मेहदी के रंग में हरज नहीं। 
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा  88*

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