••जिक्र-ए-हुसैन (रजी अल्लाहु अन्हु)••🌸

🌸••जिक्र-ए-हुसैन (रजी अल्लाहु अन्हु)••🌸
 (पोस्ट-2,)
🌸हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु अन्हु)
♥हजरत अब्बास (रजी अल्लाहु अन्हु) की बिवी हजरत उम्मे फज्ल (रजी अल्लाहु अन्हा) ने एक रात ख्वाब मे हुजुर (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) के जिस्म अकदस का एक टुकड़ा उनकी गोद मे रखा है।, यह ख्वाब देखकर वह बड़ी हैरान हुई। हुजुर (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) की खिदमत मे हाजीर होकर बोली। या रसुलल्लाह! (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) मैनें एक अजीब ख्वाब देखा है । वह यह की आपके जिस्मे अकदस का एक टुकड़ा मैने अपनी गोद मे पड़ा देखा है। 
हुजुर (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फरमाया--
"तुने बड़ा अच्छा ख्वाब देखा है इन्श अल्लाह मेरी फातिमा के यहां एक बच्चा पैदा होगा जो तेरी गोद मे खेलेगा। चुनांचे हजरत फातिमा (रजी अल्लाहु अन्हा) के यहां हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु अन्हु) पैदा हुए और उम्मे फज्ल की गोद मे खेले।
(मिश्कात शरिफ, सफा-564,)
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♥सबक : हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु अन्हु) हुजुर (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) के लख्ते जिगर है। आपकी मुहब्बत हुजुर कि मुहब्बत और आपको इजा (तकलीफ) देना हुजुर (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) को तकलीफ देना है।....

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