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Showing posts from December, 2017

नमाज़ का तरीका़

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नमाज़ का तरीक़ा   Part nu... 03 بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ किसका किसके साथ हशर होगा      हज़रते मुहम्मद बिन अहमद ज़हबी अलैरहमा नक़ल करते है, बाज़ उलमए किराम रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है, नमाज़ के तारिक को इन 4 (फिरऔन, क़ारून, हामान ओर उबय बिन खलफ़्) के साथ इस लिये उठाया जाएगा की लोग उमुमन दौलत, हुकूमत, वज़ारत और तिजारत की वजह से नमाज़ को तर्क करते है।      जो हुकूमत की मशगुलिययत के सबब नमाज़ नहीं पढेगा उसका हशर फिरऔन के साथ होगा।      जो दौलत के बाइस नमाज़ को तर्क करेगा तो उसका क़ारून के साथ हशर होगा।      अगर तर्के नमाज़ का सबब वज़ारत होगी तो फिरऔन के वज़ीर हामान के साथ हशर होगा।      अगर तिजारत की मसृफिय्यत की वजह से नमाज़ छोड़ेगा तो उस को मक्कए मुकर्रमा के बहुत बड़े काफ़िर ताजिर उबय बिन खलफ़् के साथ बरोज़े क़यामत उठाया जाएगा। ✍🏼किताब अल-कबीर, स.21 ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 144 ●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

एक तालिब इल्म

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एक उस्ताद थे वो अक्सर अपने शागिर्दों से कहा करते थे के ये दीन बड़ा क़ीमती है।       🌷 एक रोज़ एक तालिब इल्म का जूता फट गया वो मोची के पास गया और बोला मेरा जूता मरम्मत कर दो- उसके बदले में मै तुम्हे एक दीन का मसला बताऊंगा।        🌷 मोची ने कहा अपना मसला रख अपने पास मुझे पैसे दे पैसे- तालिब इल्म ने कहा मेरे पास पैसे तो नहीं हैं। मोची किसी सूरत ना माना और बग़ैर पैसे के जूता मरम्मत ना किया, तालिब इल्म अपने उस्ताद के पास गया और सारा वाक़या सुनाकर कहा।     🌷 लोगों के नजदीक दीन की कीमत कुछ भी नहीं है। उस्ताद अक्लमंद थे। तालिब इल्म से कहा अच्छा सुनो तुम ऐसा करो- मै तुम्हे एक मोती देता हूँ तुम सब्ज़ी मंडी जाकर  इसकी क़ीमत मालुम करो। वो तालिब इल्म मोती लेकर सब्ज़ी मंडी जा पहुँचा और एक सब्ज़ी बेचने वाले से कहा- इस मोती की क़ीमत लगाओ- उसने कहा तुम इसके बदले यहाँ से 2/3 लेमु उठालो। उस मोती से मेरे बच्चे खेलेंगे।         🌷 वो तालिब इल्म उस्ताद के पास आया और कहा उस मोती की क़ीमत 2 या 3 लेमु है। उस्ताद ने कहा:-     🌷 अच्छा अब तुम इस मोती की कीमत सुनार से मालुम करो- वो गया और पहली ही दूकान पर

नमाज़ का तरीक़ा

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नमाज़ का तरीक़ा Part.. 02 بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ क़यामत का सब से पहला सुवाल सरकारे मदीना ﷺ का इर्दशादे हक़ीक़त बुन्याद है, क़यामत के दिन बन्दे के आमाल में सबसे पहले नमाज़ का सुवाल होगा। अगर वो दुरुस्त हुई तो उसने कामयाबी पाई और अगर उसमे कमी हुई तो वो रुस्वा हुवा और उसने नुक़सान उठाया ✍🏼कन्जुल अम्माल, जी.7 स.115 हदिष:18883 नमाज़ी के लिये नूर      सरकारे दो आलम ﷺ का इरशादे गिरामी है, जो शख्स नमाज़ की हिफाज़त करे उसके लिये नमाज़ क़यामत के दिन नूर, दलील और नजात होगी और जो इसकी हिफाज़त न करे उस के लिये ब रोज़े क़यामत न नूर होगा और न दलील और न ही नजात। और वो शख्स क़यामत के दिन फिरौन, क़ारून, हमान और उबय बिन खलफ़् के साथ होगा।  ✍🏼मजमउल जवाअद जी,2 स.21 हदिष:1611 ✍🏼नमाज़ के अहका, सफा 143-144 ●•ा●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•● facebook.com/Arzooemadeena www.Arzooemadina.blogspot.com

नमाज़ का तरीका

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नमाज़ का तरीका Part.. 01 بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ      क़ुरआन व हदिष में नमाज़ पढ़ने के बे शुमार फ़ज़ाइल और न पढ़ने की सख्त सजाए वारिद है, चुनान्चे पारह 28 सूरतुल मुनाफिकिन की आयत नंबर 9 में इरशादे रब्बानी है, ऐ ईमान वालो ! तुम्हारे माल न तुम्हारी औलाद कोई चीज़ तुम्हे अल्लाह के ज़िक्र से गाफिल न करे और जो ऐसा करे तो वोही लोग नुक़सान में है।      हज़रते सय्यिदुना इमाम मुहम्मद बिन अहमद ज़हबी अलैरहमा नक़ल करते है, मुफ़स्सिरीने किराम रहमतुल्लाह तआला फरमाते है की आयते मुबारका में अल्लाह तआला के ज़िक्र से पाँच नमाज़े मुराद है, पस जो शख्स अपने माल यानि खरीदो फरोख्त, मईशत व रोज़गार, साज़ो सामान और औलाद में मसरूफ़ रहे और वक़्त पर नमाज़ न पढ़े वो नुक़सान उठाने वालो में से है। 💮✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 142,143💮 ●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●

KARAMAAT-A-GAUS-A-AAZAM

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🌹•»KARAMAAT-A-GAUS-A-AAZAM«•🌹      *************** 🌷Khane-Pine Se Be-Niyaaz Karna🌷 🌺Nakl Hain Ki Shaikh Aarif Sabti Rehmatullah Alaihi Ne Kaha Ki Main Sayyadina Gaus-A-Aazam Rehmatullah Alaihi Ki Ziyarat Keliye Baghdaad Sharif Aaya Aur Kuch Din Aapki Khidmat-A-Aqdas May Tehra! Fir Aapne Mujaahida Karne Keliye Misr Jane Ka Irada Kiya Aur Aapse Ijazat Maangi! 🌺Aapne Farmaya Ki Raaste May Kisise Koi Chiz Na Maangna! Yeh Kehker Aapne Mere Mooh May 2 Ungliyan Daali Aur Mujhe Uneh Choosne Ka Hukm Diya! Main Samajh Gaya Ki Isse Aapka Kya Maqsadh Hain! 🌺Fir Main Baghdaad Se Misr Aaya Aur Meri Halat Yeh Thi Ki Na Khaata Tha Na Pita Tha Iske Ba-Wajudh Meri Taakat Pehle Ki Nisbat Zyada Thi! (Bahzatul Asraar, Pg-109) (Tafrihul Khaatir, Pg-120) *************** 🌷TASHRIH🌷      ****** 🌺Doctori Lihaaz Se Insaan Agar Kuch Din Na Khaye Aur Na Piye To Intehayi Kamjor Aur Bimaar Hojata Hain Aur Uske Jism Ka Nizaam Sakht Mutassir Hota Hain! 🌺Jaisa Ki Tai Hain Ki Roze Yani Ba

रहम करने की फजीलत

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(रहम करने कि फज़िलत) ⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया कि मुस्लमान वह जिसके हाथ व ज़ुबान से लोग महफूज रहै और वह जानवरो पर रहम करे उनसे उनकी ताकत के मुताबिक काम ले ⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया कि एक शख्स सफर मे जा रहा था कि उसे रास्ते मे सख्त प्यास लगी उसे करीब ही एक कुआँ नज़र आया तो उसने कुए से पानी पिया और जब पानी पिके आगे चला तो उसे एक कुत्ता नज़र आया जो प्यास के मारे ज़ुबान बहार निकाले पङा था उस शख्स को ख्याल आया कि ईसे भी मेरी तरह प्यास लगी होगी! वह वापस कुए पर आया और मुह मे भर कर उस प्यासे कुत्ते को पानी पिला दिया अल्लाह ने सिर्फ इसी रहम करने कि बदोलत उसके गुनाहों को बख्श दिया सहाबा किराम ने सवाल किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम जानवरो पर हमदर्दी करने से भी हमे सवाब मिलता है? आपने फरमाया हर जानदार पर हमदर्दी करने का सवाब है ⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया है कि रहम करने वालो पर अल्लाह रहम करता है तुम ज़मिन वालो पर रहम करो आसमान वाला तुम पर रहम करेगा ⭐नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने फरमाया कि जो किसी पर रहम नही

KARAMAATE GOUSE E AAZAM

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HAZRAT E GHOUSE E AAZAM: 🌿🍁🌿🍁🍂🌿🍀🌿🍀🌿🍀🌿  ❄3 Turron Ki Khabar Dena:❄  Shaikh Abul Abbaas Khizr Musli Rehmatullah Alaihi Ka Bayan Hain Ki Maine Khwab Me Dekha Ki Ek Bada Makaan Hain Jisme Samundar Aur Jungle Ke Bade-Bade Aalim Martabe Wale Buzurg Jama Hain Aur Sadar E Mehfil Hazrat Sayyadina Abdul Qaadir Jilani Rehmatullah Alaihi Hain..! Un Buzurgon Me se Kuch Ke Siron Par Ek Imama Tha Aur Kuch Ke Imame Par Ek Turra Tha Aur Kuch Ke Amame Par 2 Turre The..! Lekin Aapke Sar E Aqdas Par Jo Imama Tha Uspar 3 Turre The..! Main Abhi Aapki Azmat Wa Jamaal Ka Mushahida Kar Hi Raha Tha Ki Meri Aankh Khul Gayi Aur Main Ye Dekh kar Hairaan Reh Gaya Ki Aap Khud Mere Sirhane Khade Hain..! Mere Jaagte Hi Aapne Farmaya Ki Tum Turron Ke Baare Me Soch Rahe Ho? To Suno, Un Me se Ek Turra To Shari'at Ki Shafa'at Ka Hain..! Dusra Turra Haqiqat Ki Shafa'at Ka Hain Aur Tisra Turra Azmat Wa Buzurgi Ka Hain Jo Ki Nihayat Hi Buland Tareen Hain..! 💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠💠

KARAMAAT E GHOUSE E AAZAM:

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KARAMAAT E GHOUSE E AAZAM : *********************************** KASHF WA KARAMAAT : ************************* Buzurgon Ki Ek Jamaat Ne Aapki Is Karamaat Se Riwayat Kiya Hain..! Waqiya Yun Hain Ki Ek Aurat Hazrat Ghouse E Aazam Radi-Allahu-Anhu Ki Khidmat Me Apna Beta Lekar Aayi Aur Aapse Kaha, Huzoor..! Ye Mera Ladka Aapse Badi Muhabbat Wa Aqidat Rakhta Hain..! Isliye Maine Iske Liye Isko Apna Haq Baqsh Diya..! (Apne Bachche Ko Aapke Hawale Kar diya) Aap Ise Apni Ghulami Me Le Lijiye..! Chunanche, Aapne Us Bachche Ko Qabool Kar liya Aur Usko Riyazat Wa Mujahida (Chilla-Kashi Wagaira) Ka Hukm Diya..! Ek Roz, Maa Apne Bete Ko Dekhne Ke liye Aayi To Usne Bhook Aur Jaagne Ki Wajha se Dubla Aur Kamzor Paya Aur Usko Jau Ki Sukhi Roti Bhi Khate Hue Dekh Liya..! Wo Bachche Ki Muhabbat Ki Wajha se Pareshaan Ho Uthi Aur Aapke Paas Uski Kamzori Ki Shikayat Lekar Pahunch Gayi..! Ittefaaq Se Aap Us Waqt Khana Kha Chuke The, Khane Me Ek Murgi Ka Gosht Tha Jise Aapne Kha Kar Haddiyan Plate