गुस्ल का तरीक़ा #04

*गुस्ल का तरीक़ा* #04
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ

*मर्द व औरत के लिये गुस्ल की एहतियाते*
★ अगर मर्द के सर के बाल गुंधे हुए हो तो उन्हें खोल कर जड़ से नोक तक पानी बहाना फ़र्ज़ है।

★ औरत पर सिर्फ जड़ तर कर लेना ज़रूरी है खोलना ज़रूरी नहीं। हा अगर चोटी इतनी सख्त गुंधी हुई हो के बे खोले जड़े तर न होंगी तो खोलना ज़रूरी है। अगर कानो में बाली या नाक में नथ का छेद हो और वो बंद न हो तो उसमे पानी बहाना फ़र्ज़ है।

★ वुज़ू में सिर्फ नाक के नथ के छेद में और गुस्ल में अगर कान और नाक दोनों में छेद हो तो दोनों में पानी बहाए।

★ भवो, मुछो और दाढ़ी के हर बाल का जड़ से नोक तक और इनके निचे की खाल का धोना ज़रूरी है। 
★ कान का हर पुर्ज़ा और इसके सुराख का मुह धोए। कानो के पीछे के बाल हटा कर पानी बहाए। 

★ ठोड़ी और गले का जोड़, के मुह उठाए बिगैर न धुलेगा। 
★ हाथो को अच्छी तरह उठा कर बगले धोए। बाज़ू का हर पहलू धोए। पीठ का हर ज़र्रा धोए। पेट की बल्टे उठा कर धोए। 

★ नाफ में भी पानी डाले अगर पानी बहने में शक हो तो नाफ में ऊँगली डाल कर धोए। 

★ जिस्म का हर रोंगटा जड़ से नोक तक धोए।
★ रान और पेड़ू (नाफ से निचे के हिस्से) का जोड़ धोए। 
★ जब बैठ कर नहाए तो रान और पिंडली के जोड़ पर भी पानी बहाना याद रखे। 

★ दोनों सुरीन के मिलने की जगह का ख्याल रखे, खुसुसन जब के खड़े हो कर नहाए। 
★ रानो की गोलाई और पिंडलियों की करवटों पर पानी बहाए।

★ ज़कर व उन्स-यैन (यानि फ़ोतों) की निचली सतह जोड़ तक और उन्स-यैन के निचे की जगह जड़ तक धोए। 
★ जिसका खतना न हुवा वो अगर खाल चढ़ सकती हो तो चढ़ा कर धोए और खाल के अंदर पानी चढ़ाए। 

*✍🏽मुलख्खस अज़ बहारे शरीअत, जी.1, स. 317-318*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 86-87

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