गुस्ल का तरीका #01
गुस्ल का तरीका #01
بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ
اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ
बिगैर ज़बान हिलाए दिल में इस तरह निय्यत कीजिये की में पाकी हासिल करने के लिये गुस्ल करता हु।
◆ पहले दोनों हाथ पहुचो तक 3-3 बार धोइए
◆ फिर इस्तिन्जे की जगह धोइए ख़्वाह नजासत हो या न हो
◆ फिर जिस्म पर अगर कही नजासत हो तो उसको दूर कीजिये.
◆ फिर नमाज़ का सा वुज़ू कीजिये मगर पाउ न धोइये, हा अगर चौकी वग़ैरा पर गुस्ल कर रहे है तो पाउ धो लीजिये
◆ फिर बदन पर तेल की तरह पानी चुपड़ लीजिये, खुसुसन सर्दियो में (इस दौरान साबू भी लगा सकते है)
◆ फिर 3 बार सीधे कंधे पर पानी बहाइये, फिर 3 बार उलटे कंधे पर
फिर सर पर और तमाम बदन पर 3 बार
◆ फिर गुस्ल की जगह से अलग हो जाइये
◆ अगर वुज़ू करने में पाउ नहीं धोए थे तो अब धो लीजिये
● नहाने में क़िबला रुख न हो, तमाम बदन पर हाथ फेर कर मल कर नहाइए।
◆ दौराने गुस्ल किसी किस्म की गुफ्तगू मत कीजिये, कोई दुआ भी न पढ़िये,
नहाने के बाद तोलिये वग़ैरा से बदन पोछने में हरज नहीं। नहाने के बाद फौरन कपड़े पहन लीजिये।
अगर मकरूह वक़्त न हो तो दो रकअत नफ़्ल अदा करना मुस्तहब है।
*✍🏽बहारे शरीअत, जी.1, स.310*
*✍🏽आलमगिरी, जी.1, स. 14*
*✍🏽नमाज़ के अहकाम, सफा 84*
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