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Showing posts from December, 2018

अनमोल मोती

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❁ अनमोल मोती:- : (1) arzooemadina.blogspot.com `` (1)- हज़रात अली (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) फरमाते है  “आंसू और मुश्कान दो अनमोल खज़ाना है. आंसू को अपने तक महदूद रखो और मुश्कान को लोगो पर लुटा दो।”  `` (2)-हज़रत लुक़्मान फरमाते है के अगर अमन चाहते हो तो कान और आँखों का इस्तेमाल करो और ज़ुबान बन्द रखो. पहले सोचो और फिर बोलो। ``  (3)-अमीर इतना बनो के आप कितनी भी कीमती चीज़ चाहो खरीद सको, लेकिन कीमती इतने बनो के इस दुनीयां का कोई आमिर से आमिर भी आपको खरीद न सके.। ``  (4)-किसी को पाने की तमन्ना न करो बल्कि तुम खुद उसके काबिल हो जाओ के लोग तुम्हे पाने की तमन्ना करे। `` (5)- रिश्ते तो ताजमहल की तरह होते है. सबको उसकी खूबसूरत तो दिखाई देती है मगर उसको बनाने में लगा वक्त नज़र नहीं आता। `` (6)- इंसान तीन चिजोसे महरूम रहेगा.  1. गुस्से वाला सही फैसले से.  2. झुठा इज़्ज़त से.  3. जल्दबाज़ कामयाबी से महरूम रहता है.  `` (7)-बेशक ! इंसान बड़े कच्चे दिलवाला बनाया गया है. जब इसे मुसीबत पहुंचती है तो घबरा उठता है. और जब राहत मिलती है तो बे-खयाली करने लगता है.। ``  

भलाई सिखाने वाले पर अल्लाह की रहमत,....

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☆भलाई सिखाने वाले पर अल्लाह की रहमत,.... Arzooemadina ♥हदीस : अबु उमामा बाहीली (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है उन्होंने फरमाया की, रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम) के सामने दो (2) आदमीयों का चर्चा (जिक्र) किया गया, एक उनमे से इबादत करने वाला (आबीद) था और दुसरा आलीम, *तो रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम)  ने फरमाया की - "इबादत करने वाले पर आलीम की बढ़ाई ऐसी है जैसे की मेरी बढ़ाई तुम्हारे मामुली आदमी पर, *फिर रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु तआला अलैही वसल्लम)  ने फरमाया की- "लोगो को भलाई सिखाने वाले पर अल्लाह तआला रहमत नाजील फरमाता है और उसके फरिश्ते और जमीन और आसमान मे रहने वाले यहां तक की चिटीयां अपनी बिलो मे और मछलियां पानी मे उसके लिए भलाई की दुआ करते है,.... 📚(तिर्मीजी शरिफ, - *_⚠नोट :- पोस्ट ज़रूर शेअर करें और हमेशा जारी रहने वाले सवाब ए जारीया के हक़दार बने,_* --------------------------------------------------

जब बन्दा सुरह फातिहा की तिलावत करता है ....

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☆जब बन्दा सुरह फातिहा की तिलावत करता है ..... - ♥हदीस : अबु हुरैरा (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) कहते है मैंने रसुलल्लाह (सलल्लल्लाहु अलैही वसल्लम)  को फरमाते सुना, "अल्लाह फरमाता है मैंने नमाज अपने और अपने बन्दे के दरमियान आधी-आधी तकसीम करदी है, लिहाजा मेरा बन्दा जो सवाल करेगा उसे मिलेगा" - - जब बन्दा कहता है ( अल्हमदुलल्लिलाही-रब्बील-आलामीन) तो अल्लाह फरमाता है मेरे बन्दे ने मेरी तारिफ की - - जब बन्दा कहता है (अर्रहमान-निरर्रहीम) तो अल्लाह फरमाता है मेरे बन्दे ने मेरी सना कि - और एक मर्ताबा यु फरमाता है" बन्दे ने अपने काम मेरे सुपुर्द किया - - और जब बन्दा कहता है (मालीके-यौमीद्दीन) तो अल्लाह फरमाते है" मेरे बन्दे ने मेरी बुजुर्गी ब्यान की - - जब बन्दा कहता है (इय्याकाना'-बुदु-वाइय्याका-नस्ताय्यीन) तो अल्लाह फरमाता है ये मेरे और मेरे बन्दे के दरमियान मुआमला है और मेरा बन्दा जो मांगेगा उसे मिलेगा - - जब बन्दा कहता है (इहदेनस-सिरातल-मुस्ताकीम - सिरातल-लजीना-अन'अमता'आ'लैहीम-गैरिल-मगजुबी-अलैहीम-वलद्दालीन) तो अल्लाह फरमाता है

आयतुल कुरसी के फ़ज़ाइल

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✦आयतुल कुरसी के फ़ज़ाइल✦ । ✿एक रिवायत में है कि सूरतुल बकरह में एक आयत है जो कुरआन की तमाम आयतों की सरदार है, वोह जिस घर में पढ़ी जाए उस घर से शैतान भाग जाता है वोह आयतुल कुरसी है। ।     ● अमीरुल मुअमिनीन हजरते  अली كَرَّمَ اللّٰهُ تَعَالٰى وَجْهَهُ الْكَرِيْم फ़रमाते हैं कि मैं ने हुजूरे अकरम ﷺ को फ़रमाते हुए सुना जो शख्स हर नमाज़ के बाद आयतुल कुरसी पढे उसे जन्नत में दाखिल होने से कोई चीज़ नहीं रोक सकती वोह मरते ही जन्नत में चला जाएगा और जो कोई र को सोते वक्त इसे पढ़ेगा वोह, उस के पड़ोसी और आस पास के घर वाले शैतान और चोर से महफूज़ रहेंगे। ---      जो शख्स हर नमाज के बाद आयतुल कुरसी पढ़ेगा उस को हस्बे जैल बरकतें नसीब होंगी : ان شاء الله   ◆ वोह मरने के बाद जन्नत में जाएगा ◆ वोह शैतान और जिन्न की तमाम शरारतों से महफूज रहेगा।  ◆ अगर मोहताज होगा तो चन्द दिनों में उस की मोहताजी और ग़रीबी दूर हो जाएगी।  ◆ जो शख्स सुब्ह व शाम और बिस्तर पर लैटते वक्त आयतुल कुरसी और इस के बाद की दो आयतें पढ़ा करेगा वोह चोरी ग़र्क़ आबी और जलने से महफूज़ रहेगा। ◆ अगर सारे मकान में

SHAAN E GAUS E AAZAM

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SHAAN E GAUS E AAZAM {Part 1} Shaikh e Aalam Abu Taalib Abdul Rehman bin Muhammad Haashmi waasti se suna, kehte the maine Shaikh Imaam Jamaale Millat Waaludain Hazrat Abu Muhammad bin Abde Basri  رضي الله عنه se basra me suna, un se sawaal hua tha ke HAZRATE KHIZR عليه السلام  zinda hai ya inteqaal hua, farmaya main HAZRATE KHIZR عليه الصلوة والسلام se mila aur arz ki mujhe HAZRAT SHAIKH ABDUL QAADIR ke haal se khabar dijiye. HAZRAT E KHIZR ne farmaaya aaj Woh tamaam Mehboobon me yakta aur tamaam Auliya ke Qutub hai. ❤️ALLAH TA'ALA ne kisi Wali ko kisi maqaam tak na pahonchaya jis se Aala maqaam SHAIKH ABDUL QAADIR ko na diya ho, Na kisi Habeeb ko Apna jaame mohabbat pilaaya jis se khushgawaar tar SHAIKH ABDUL QAADIR ne na piya ho, ❤️Na kisi muqarrab ko koi haal baksha ke SHAIKH ABDUL QAADIR us se buzurg tar na ho, ALLAH ne Un me apna wo raaz wadiyat rakha hai jis se woh jamhoor e Auliya par sabqat le gaye. ALLAH ne jitnon ko wilaayat di aur jitnon ko

KARAMAAT-A-GAUS-AAZAM

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  KARAMAAT-A-GAUS-AAZAM     ***************************   Be-Aulaad Aadmi Ko Beta Ata Kiya Yani Muhiuddin Ibne Arbi Rehmatullah Alaihi     Shaikh Ali Bin Mohammad Arbi Bade Maaldar The Magar Aulaad Na Hone Ki Wajahse Ghamgeen Rehte The! Jis Mazzub, Saaliq Ya Wali Ke Paas Jate, Har Jagah Yahi Sunne Ko Milta Ki Yeh Dard La-Ilaah Hain! Teri Kismat May Beta Ya Beti Kuch Bhi Nahi Hain! Jab Unohne Sayyadina Gaus-A-Aazam Rehmatullah Alaihi Ki Shoharat Suni To Haazir-A-Khidmat Huwe Aur Minnat Samaj Ke Sath Matlab Zabaan Per Laye! To Aapne Apni Peet Unke Peet Se Ragdi Aur Farmaya Ki Maine Ek Ladka Apni Sulb Se Tujhe Diya, Yeh Ladka Maqbool-A-Bargah Ajadi Aur Kutub-A-Zamana Hoga! Uska Naam Muhiuddin Rakhna!  To Hazrat Muhiuddin Ibne Arbi Paida Huwe! Wo Unko Leker Haazir-A-Khidmat Huwe! Aapne Dekhker Farmaya " 🌹*SUBHANALLAH*🌹 " Kaisa Beta Paida Hua Hain Ki Tamaam Raaz Jinko Auliya-A-Naamdar Chupaker Rakhte The Uneh Batayega! (Masalikus-Saalikeen, Pg-344) ***

HAZRAT ALI RAZIALLAHU TA'ALA ANHU KI KARAMAT

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HAZRAT ALI RAZIALLAHU TA'ALA ANHU KI KARAMAT HIQAYAT Ek Shaks Ne Hazrat Ali Razi-ALLAHU  TA'AALA-Anhu Se Arz Kiya Ki Janaab Mera Iraada Safar Ka Hai Magar Me Jungli Darindon Se Darta Hoon Aapne Usse Ek Anghuti Dekar Farmaya Jab Tere Nazdiq Koi Khaufnaak Jaanwar Aayen To Fauran Keh Dena Ki Ye Ali Ibne Talib Ki Anghuti Hai Iske Baad Us Shaks Ne Safar Kiya Aor Ittefaaq Se Raah Me Ek Jungli Darinda Uspar Hamla Karne Dauda Usne Pukaarkar Kaha Aye Darinde Ye Dekh Mere Paas Ali Ibne Taalib Ki Anghuti Hai Darinde Ne Jab Hazrat Ali Ki Anghuti Dekhi To Apna Sir Aasmaan Ki Taraf Uthaya Aor phir Wahan Se Daudta Hua Kahin Chala Gaya Ye Musaafir Jab Safar Se Waapas Aaya To Isne Saara Kissa Hazrat Ali Ko Sunaya,To    Aapne Farmaya Us Darinde Ne Aasmaan Ki Taraf Mooh Karke Ye Qasam Khayi Thi Aor Kaha Tha Ki Mujhe Rab Ki Qasam Me Is ilaake Me Bilkul Hargiz Na Rahoonga Jisme Log Ali Ibne Taalib Ke Saamne Meri Shikayat Karen (Nujjahtul Ma

7-तालिब ए इल्म के एहतेराम मे फरिश्ते परवाज़ रोककर खड़े हो जाते हैं और आलिम ए दीन के लिये तमाम मख़लूक मग़फिरत की दुआ करती है

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7-तालिब ए इल्म के एहतेराम मे फरिश्ते परवाज़ रोककर खड़े हो जाते हैं और आलिम ए दीन के लिये तमाम मख़लूक मग़फिरत की दुआ करती है ➡ हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहू अन्हू कहते हैं के मैने  रसूलुल्लाह सल्ललाहू अलैहे वसल्लम को इरशाद फरमाते हुवे सुना, " जो शख्स इल्म हासिल करने के लिये किसी रास्ते पर चले तो उसकी वजह से अल्लाह तआला उसके लिये जन्नत का रास्ता आसान फरमा देंगे," और उसके अमल से खुश होकर फरिश्ते तालिब ए इल्म के लिये अपने परो को रख देते हैं (यानी परवाज़ रोककर खड़े हो जाते हैं) और आलिम के लिये आसमानों की तमाम मख़लूक और ज़मीन की तमाम मख़लूक दुआये मग़फिरत करती हैं हत्ता की मछलियां पानी मे, और आलिम की फज़ीलत आबिद पर ऐसी है जैसी चांद की फज़ीलत बाक़ी सितारों पर, और तहक़ीक़ उल्मा अंबिया के वारिस हैं और अंबिया अलैहिस्सलाम दिनार और दिरहम का किसी को वारिस नहीं बनाते, वो तो इल्म का वारिस बनाते हैं, लिहाजा जिसने इल्म हासिल किया उसने बहुत बड़ी खैर हासिल कर ली," *📘 तिरमिज़ी ,,2/93,*   *💕ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd💕*    ✧-------------------------

NASIHAT (SACHCHI HIQAYAT)

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     NASIHAT                     SACHCHI   HIQAYAT         🌺Hazrat Shafiq Balkhi Rehmatullah Alaihi Ek Martaba Haroon Rashid Se Mile! To Baadshah Haroon Rashid Ne Arz Ki, Huzoor! Mujhe Kuch Nasihat Farmayiye, Hazrat Shafiq Balkhi Ne Farmaya- (1)♥Khuda Ta'aala Ne Tujhe Siddiq-A-Akbar Ke Makaam Per Bithaya Hain! Wo Chahta Hain Ki Tum Sidq-Wa-Raasti Se Kaam Lo! (2)♥Usne Tujhe Farookh-A-Aazam Ke Makaam Per Bithaya, Wo Chahta Hain Ki Tum Haq Wa Baatil May Fark Karo! (3)♥Usne Tujhe Usmaan Gani Ke Makaam Per Bithaya Hain! Wo Chahta Hain Ki Tum Sharm Wa Haya Ko Apnao! (4)♥Usne Tujhe Ali Murtuza Ke Makaam Per Bithaya Hain! Wo Chahta Hain Ki Tum Adal Wa Ilm Se Kaam Lo! 🌺Haroon Rashid Ne Arz Ki, Ki Kuch Aur Farmayiye, To Hazrat Shafiq Balkhi Ne Farmaya-   🌺*ALLAH-TA'AALA* Ne Ek Ghar Banaya Hain Jiska Naam Jahannam Hain! Tujhe Usne Uske Darwaze Per Bithaya Hain Isliye Taaki Tum Logon Ko Jahannam Se Dur Rakho! Usse Dur Rakhne Keliye Khuda Ne Tujhe