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Showing posts from January, 2018

नमाज का तरीका

*नमाज़ का तरीका*        ( Part 15)      🌷फिर 4 रकअते पूरी करके कादए आखिरह में तशह्हुद के बाद दुरुदे इब्राहिम पढ़िये, फिर दुआए मासुरा पढ़िये     🌹 फिर नमाज़ खत्म करने के लिये पहले दाए कन्धे की तरफ मुह कर के "अस्सलामु अलैक वरहमतुल्लाह" कहिये और इसी तरह बाई तरफ। अब नमाज़ खत्म हुई।      🌸इस्लामी भइयो और बहनो के दिये हुए इस तरीकए नमाज़ में बाज़ बाते फ़र्ज़ है की इसके बगैर नमाज़ होगी ही नही,            🌸बाज़ बाते वाजिब की इस का जानबूझ कर छोड़ना गुनाह और तौबा करना और नमाज़ का फिर से पढ़ना वाजिब, और भूल कर छूटने से सज्दए सहव वाजिब      🌷और बाज़ सुन्नते मुअक्कदा है की जिस के छोड़ने की आदत बना लेना गुनाह है और      बाज़ मुस्तहब है की जिस का करना सवाब और न करना गुनाह नही। *✍🏼बहारे शरीअत, ही.3 स.66* *✍🏼नमाज़ का तरीका*

नमाज का तरीका

 नमाज़ का तरीका     ( Part 14)      क़ादह में तशह्हुद में "अशहदू अंल्ला-इलाह" के लाम के करीब पहुचे तो सीधे हाथ की बिच की ऊँगली और अंगूठे का हल्का बना लीजिये और छुंगलिया (छोटी ऊँगली) और बिन्सर यानि उसके बराबर वाली ऊँगली को हथेली से मिला दीजिये और कलिमे की ऊँगली उठाइये।      मगर इसको इधर उधर मत हिलाये और "इला" पर ऊँगली गिरा दीजिये और फौरन सब उंगलिया सीधी कर लीजिये।      अब अगर दो से ज्यादा रकअते पढ़नी है तो "अल्लाहु अकबर" कहते हुए खड़े हो जाइये।      अगर फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ रहे है तो तीसरी और चौथी रकअत में क़याम में "बिस्मिल्लाह और अल्हम्दु शरीफ पढ़िये, सूरत मिलाने की ज़रूरत नहीं। बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله  ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 152-153

नमाज का तरीका

 नमाज़ का तरीक़ा       (Part 13)      दूसरे सज्दे से खड़े होते हुए पहले सर उठाइए फिर हाथो को घुटनो पर रख कर पन्जो के बल खड़े हो जाइये।उठते वक़्त बिगैर मजबूरी ज़मीन पर हाथ से टेक मत लगाइये।      ये आप की एक रकअत पूरी हुई।      अब दूसरी रकअत में "बिस्मिल्लाह" पढ़ कर अल हम्द और सूरह पढ़िये और पहले की तरह रुकूअ और सज्दे कीजिये,  मर्द :*      दूसरे सज्दे से सर उठाने के बाद सीधा क़दम खड़ा कर के उल्टा क़दम बिछा कर बैठ जाइये  औरत :*      दूसरे सज्दे से सर उठाने के बाद दोनों पाउ सीधी तरफ निकाल दीजिये और उल्टी सुरीन पर बैठिये और सीधा हाथ सीधी रान के बिच में और उल्टा हाथ उल्टी रान के बिच में रखिये।      दो रकअत के दूसरे सज्दे के बाद बैठना कादह कहलाता है, अब कादह में तशह्हुद (अत्तहिय्यात) पढ़िये। बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله  ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 151-152

जवानी कैसे गुजारे

 जवानी कैसे गुज़ारे ?      (Part 07)  ❤ बे वक़्ते रिहलत हज़रत अमीरे मुआविया का फरमान      हज़रते अमीरे मुआविया رضي الله عنه का जब वक़्ते विसाल क़रीब आया, तो आप ने फ़रमाया : मुझे बिठाओ। जब बिठाया गया तो आप ज़िकरुल्लाह और तस्बीह में मश्गुल हो गए। फिर रोते हुए अपने आप को मुखातब कर के (बतौरे आजिज़ी) फरमाने लगे : ऐ मुआविया ! अब बुढ़ापे और कमज़ोरी के वक़्त अल्लाह का ज़िक्र याद आया, उस वक़्त क्या था जब जवानी की शाख तरो ताज़ा थी।  बुज़ुर्गो की आजिज़ी हमारे लिये रहनुमाई     ❤  हमारे अस्लाफे किराम किस क़दर नेकियों के क़द्रदान और आजिज़ी के पैकर थे कि महबूबे रब्बे अकबर ﷺ के जलिलुल क़द्र सहाबी होने और सारी ज़िन्दगी नेकियों में बसर करने के बा वुजूद हसरत है कि काश ! कसरते इबादतों रियाज़त की मज़ीद सआदत नसीब हो जाती, आप رضي الله عنه की इस आजिज़ी में हमारे लिये रहनुमाई है कि ऐ जवानो ! जवानी बहुत बड़ी नेअमत है, इस की क़द्र करो, इसे फुज़ूलियत में मत गुज़ारो वरना जब होश आएगा तो उस वक़्त तीर कमान से निकल चुका होगा और कमान से निकले तीर वापस नहीं आया करते।  ✍🏼जवानी कैसे गुज़ारे 13 ❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇ www.facebook.com/Arzooe

जवानी कैसे गुजारे

 जवानी कैसे गुज़ारे ?       ( Part 06) ❤ जवानी की क़द्र कीजिये ❤   ❤ जवानी के मुतअल्लिक़ मुफ़्ती अहमद यार खान नईमी رحمة الله عليه के तहरीर कर्दा कलाम का खुलासा है : जवानी खेलकूद में गंवा कर बुढ़ापे में जब कि आज़ा बेकार हो जाएं, कसरते इबादत की ख्वाहिश करना बे वक़ूफी है, जो करना है जवानी में कर लो कि जवाने सालेह का बहुत बड़ा दर्जा है। लिहाज़ा सिह्हत, जवानी, मालदारी और ज़िन्दगी को ज़ाए न जाने दो, इस में नेक आमाल कर लो कि यह नेअमतें बार बार नहीं मिलती।      ❤मियां मुहम्मद बख्श رحمة الله عليه फ़रमाते है : ये हसीन जवानी हमेशा सलामत नहीं रहती और न ही दोस्त व अहबाब की सोहबतें हमेशा बाक़ी रहती है। बाग़ में रोज़ाना चह-चहाने वाली बुलबुलें और बाग़ की बहारें भी सदा रहने वाली नहीं।  ✍🏼मीरआतुल मनाजिह् 7/16  ✍🏼जवानी कैसे गुज़ारे  12 ❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇❇ www.facebook.com/Arzooemadeena www.Intagram.com/arzooemadeena www.Arzooemadina.blogspot.in

दुनिया क्या सोचेगी कहेगी

 दुनिया क्या सोचेगी कहेगी ? एक बुजुर्ग आदमी और उनका बेटा एक सफर  पर निकले उनके पास एक ऊट था  उस ऊट पर उन्होने अपना सामान लाद  दिया और ऊट कि रस्सी पकङकर पैदल चलने  लगे, ,,,कुछ दुर चलने के बाद उन्हे कुछ लोग दिखाई दिये जो उन्हे देख कर कह रहे थे कि कैसे पागल है ये लोग ऊट पर सामान लाद कर पैदल चल रहे है, ,,,ये सुनकर वो दोनो ऊट पर सवार हो गये, ,फिर थोङि दुर चले  कुछ लोग दिखे जो उन्हे देखकर कह रहे थे कैसे जा़लिम है ये लोग एक ऊट पर इतना सामान और दोनो बैठ कर जा रहे है, ,,,ये सुनकर बैटे ने कहाँ अब्बु जि आप बैठे रहे मे रस्सी पकङकर पैदल चलता हु, ,,कुछ दुर चलने के बाद फिर कुछ लोग दिखे जो उन्हे देखकर कह रहे थे कितना ज़ालिम है ये बाप खुद ऊट पर बैठ गया और बेटे को पैदल चला रहा है, ,,ये सुनकर बाप ने कहाँ बेटा तुम बैठ जाओ मे पैदल चलता हु, ,,,कुछ दुर चलने के बाद फिर कुछ लोग दिखे जो उन्हे देखकर कह रहे थे कैसा ना लायक जवान बैटा है जो बुजुर्ग बाप को पैदल चला रहा है खुद ऊट पर बैठ गया, ,,,ये सुनके बेटा भी शर्मिन्दा हो कर निचे उतर गया और सामान भी उतार लिया और ऊट को खाली लेकर पैदल चलने लगे, ,,,कुछ दुर ज

नमाज का तरीका

नमाज़ का तरीका          (Part12)      सज्दे से इस तरह उठिये की पहले पेशानी फिर नाक फिर हाथ उठे।   मर्द :      ✴फिर सीधा कदम खड़ा करके उसकी उंगलिया किब्ला रुख कर दीजिये और उल्टा क़दम बिछा कर उस पर खूब सीधे बेथ जाइये और हथेलिया बिछा कर रानो पर घुटनो के पास रखिये की दोनों हाथो की उंगलिया किब्ले की जानिब और उंगलियो के सिरे घुटनो के पास हो।   औरत :      ❇दोनों पाउ सीधी तरफ निकाल दीजिये और उलटी सुरीन पर बैठिये और सीधा हाथ सीधी रान के बिच में और उल्टा हाथ उलटी रान रान के बिच में रखिये।      दोनों सजदों के दरमियान बैठने को जल्सा कहते है।      फिर कम अज़ कम एक बार सुब्हान अल्लाह कहने की मिक़दार ठहरिये      यहा "अल्लाहुमग-फिरलि" (यानि ए अल्लाह मेरी मगफिरत फरमा) पढ़ना मुस्तहब है      फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए पहले सज्दे की तरह दूसरा सज्दा कीजिये।  📚✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 150-152 www.facebook.com/Arzooemadeena Instagram.com/arzooemadeena www.Arzooemadina.blogspot.in

नमाज का तरीका

नमाज़ का तरीका        (Part 11)      ❇ सज्दे में जाते वक़्त पहले घुटने ज़मीन पर रखिये फिर दोनों हाथो के बिच में इस तरह सर रखिये की पहले नाक फिर पेशानी और ये ख़ास ख्याल रखिये की नाक की नोक नही बल्कि हड्डी लगे और पेशानी ज़मीन पर जम जाए, नज़र नाक पर रहे  मर्द :     ✴बाजुओ को करवटों से, पेट को रानो से और रनों को पिंडलियों से जुदा रखिये। (अगर सफ में हो तो बाज़ू करवटों से लगाए रखिये)      दोनों पाउ की दसो उंगलियो का रुख इस तरह किब्ले की तरफ रहे की दसो उंगलियो के पेट ज़मीन पर लगे रहे।      हथेलिया बिछी रहे और उंगलिया किब्ला रु रहे मगर कलाइयां ज़मीन से लगी हुई मत रखिये।  औरत :*     ❇ सज्दा सिमट कर कीजिये यानि बाजु करवटों से, पेट को रानो से और रनों को पिंडलियों से और पिंडलियां ज़मीन से मिला दीजिये। और दोनों पाउ सीधी तरफ निकाल दीजिये।      अब कम अज़ कम 3 बार "सुब्हान रब्बियल अअ'ला" पढ़िये।      फिर इस तरह उठिये की पहले पेशानी फिर नाक फिर हाथ उठे। बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله   📚 ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 150-151 facebook.com/Arzooemadeena Instagram.com/arzooemade

जवानी कैसे गुजारे

जवानी कैसे गुज़ारे ?       ( Part 05)   ✴जवानी को गनीमत जानिये      ❇ जलिलुल क़द्र ताबेई हज़रते अम्र बिन मैमून औदी رضي الله عنه से रिवायत है कि सरकारे नामदार ﷺ ने एक शख्स को नसीहत करते हुए फ़रमाया : पांच (चीजों) को पांच से पहले गनीमत जानो... बुढ़ापे से पहले जवानी को, बिमारी से पहले तंदुरस्ती को, फ़क़ीरी से पहले अमीरी को, मसृफिय्यत से पहले फुर्सत को और मौत से पहले ज़िन्दगी को! ✍🏼مشكاة المصابيح     मश्हूर सूफी शाइर हज़रते शैख़ मुस्लिहुद्दीन सादी शिराज़ी رحمة الله عليه फ़रमाते है : तर्जमा : ऐ ग़ाफ़िल शख्स ! अब जब कि तेरे सिह्हत व हिम्मत वाले हाथ कुशादा है तो इन हाथों से कोई काम कर ले, कल जब यह कफ़न में बंध जाएं तो फिर खुलना कहाँ नसीब !  📚✍🏼जवानी कैसे गुज़ारे 11 www.facebook.com/Arzooemadeena www.Instagram.com/arzooemadeena www.Arzooemadeena.blogspot.in

जवानी कैसे गुजारे

जवानी कैसे गुज़ारे ?     ( Part 04)  जवानी की इबादत बुढ़ापे में सबबे आफिय्यत    ✴  कल की पोस्ट से पता चला कि तिलावते क़ुरआन करने वाला नौ जवान अगर बुढ़ापे की दहलीज़ पर पहुंच गया तो क़ुरआन की तिलावत की बरकत से उस हालत में भूल जाने की आफत से महफूज़ रहेगा।      ✴ये मन्ज़र तो आम मुलाहज़ा किया जा सकता है कि अक्सर बूढ़े बेहूदा गोई व भूल जाने के मरज़ में मुब्तला नज़र आते है लेकिन बाज़ खुश नसीब ऐसे भी है जो अगर्चे बुढ़ापे की मन्ज़िल से हम-कनार है, लेकिन फिर भी इल्म जलालत और ज़ेहनी कुव्वत की ऐसी शानो शौकत कि देखने वाले को इन्तिहाई हैरत में डाल दें, इन सारी अज़मतों का एक सबब जवानी की इबादत और क़ुरआने पाक की तिलावत है।  📚✍🏼जवानी कैसे गुजारे 8 www.facebook.com/Arzooemadeena www.Instagram.com/arzooemadeena www.Arzooemadina.blogspot.in

नमाज का तरीका

नमाज़ का तरीका          (Part nu.. 10)  मर्द :       रुकूअ में घुटनो को इस तरह हाथ से पकड़िये की हथेलिया घुटनो पर और उंगलिया अच्छी तरह फैली हुई हो।      पीठ बिछी हुई और सर पीठ की सीध में हो, उचा निचा न हो, और नज़र क़दमो पर हो।  औरत :      रुकूअ में थोडा झुकिये यानि इतना की घुटनो पर हाथ रख दे ज़ोर न दीजिये और घुटनो को न पकड़िये और उंगलिया मिली हुई और पाउ झुके हुए रखिये मर्दों की तरह सीधे मत रखिये।      कम अज़ कम 3 बार रुकूअ की तस्बीह यानि "सुब्हान-रब्बियल-अज़ीम" (यानि पाक हे मेरा अज़मत वाला परवर दगार) कहिये।      फिर तस्मिअ यानि "समी-अल्लाहु-लीमन-हमीदह" (यानि अल्लाह ने उसकी सुनली जिसने उसकी तारीफ़ की) कहते हुए बिलकुल सीधे खड़े हो जाइये,      इस खड़े होने को क़ौमा कहते है। अगर आप अकेले नमाज़ पढ़ रहे है तो इसके बाद "रब्बना-व-लकल-हम्द" या "अल्लाहुम्म-रब्बना-व-लकल-हम्द" (यानि ऐ अल्लाह ! सब खुबिया तेरे लिये है) कहिये      फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाए। बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله  ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 150

जवानी कैसे गुजारे

*जवानी कैसे गुज़ारे ?*             Part 03 *फ़ैज़ाने क़ुरआन और नौ जवान*      दिमागी और जिस्मानी स्लाहिय्यतों से सहीह मानो में जवानी ही में काम लिया जा सकता है, इल्मे दीन हासिल करने और मुतालआ करने की उम्र भी जवानी ही है, बुढ़ापे में तो बारहा अक्लो फ़हम की कुव्वते बेकार हो कर रह जाती है, गौरो फ़िक्र की स्लाहिय्यतें कमज़ोर पड़ जाती है, याद दाश्त का खज़ाना खाली हो जाता है, दिमाग खलल का शिकार होने के सबब इंसान बच्चों की सी हरकते करने लग जाता है और उस से बाज़ अवक़ात ऐसी मुज़हका ख़ेज़ हरकत का सुदूर होता है कि बे इख़्तियार हँसी आ जाए।      लेकिन खुश खबरी है उस नौ जवान के लिये जो तिलावते क़ुरआन का आदि है कि अगर ऐसे नौ जवान को बुढ़ापा आया तो वो इन आज़माइशों और आफतों से महफूज़ रहेगा। जैसा कि मुफ़्ती अहमद यार खान नईमी رحمة الله عليه नक़ल फ़रमाते है : हज़रते ईकरिमा رضي الله عنه फ़रमाते है : जो मुसलमान तिलावते क़ुरआन का आदी हो, उस पर ان شاء الله ये (यानी जवानी में हासिल किये गए इल्म को बुढ़ापे में भूलने की) हालत तारी न होगी। *✍🏼नुरुल इरफ़ान* *✍🏼जवानी कैसे गुज़ारे* 8 ●•●┄─┅━━━━━★✰★━━━━━┅─●•●            Join Gr

जवानी कैसे गुजारे

जवानी कैसे गुज़ारे ?      Part nu 02  जवानी की तारीफ़      लुगात की क़ुतुब के मुताबिक़ (बालिग़ होने से ले कर) 30 या 40 बरस तक आदमी जवान रहता है, 30 या 50  बरस जवानी और बुढ़ापे का दरमियानी वक़्फ़ा यानी उधेड़ और इस के बाद बुढ़ापा आ जाता है।  ✍🏼जवानी कैसे गुज़ारे 7

जवानी कैसे गुजारे

*जवानी कैसे गुज़ारे ?*     ✴(Part nu. 01)✴ *मताए वक़्त की क़द्र कीजिये*      वक़्त की ना क़द्री बिल आखिर नदामत लाती है, खुसुसन अय्यामे जवानी में बे फ़िक्री, ला परवाही और इन हसीन लम्हात की बे क़द्री बुढ़ापे में पछतावे का सबब बनती है। क्यूं कि जिन की जवानी का सफर गुनाहों की तारीकियों में गुज़रता है जब वो बुढ़ापे के आलम में नेकियों की रोशनियों की तरफ रुख मोड़ते है तो बहुत देर हो चुकी होती है और उस वक़्त आदमी कुछ करना भी चाहे तो जिस्म व आज़ा की कमज़ोरी और सिह्हत की खराबी हौसले पस्त कर देती है।      लिहाज़ा जब तक जवानी की नेअमत है और सिह्हत सलामत है, तो इस को गनीमत जानते हुए ज़्यादा से ज़्यादा इबादत और अच्छे कामों की आदत पर इस्तिकामत पाने की कोशिश कीजिये और अगर आज नेकियों से जी चुरा कर, बदियों में दिल लगा कर हिम्मत व स्लाहिय्यत और वक़्त की नेअमत गंवा बैठे तो कल पछतावा होगा लेकिन उस वक़्त का पछतावा और अफ़सोस से हाथ मलना किसी काम न आएगा।      वक़्त की तेज़ रफ़्तार धार हमारे दिन रात को काटती चली जा रही है, वक़्त की लगाम कब किसी के हाथ आई है और वक़्त की गाडी से कौन कहे कि ज़रा आहिस्ता चल !      पस आज वक़्त

नमाज का तरीका

            नमाज़ का तरीका              (Part nu. 09)      अब सना पढ़िये, फिर तअव्वुज़ पढ़िये : "अउजुबिल्लाहि मिनशैतानी रज़िम" (में अल्लाह तआला की पनाह में आता हु शैतान मरदूद से)      फिर तस्मिया पढ़िये "बीसमील्लाही-र्रहमा निर्रहीम" (अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत महेरबान रहमत वाला)      फिर सूरए फातिहा पढ़िये सूरए फातिहा खत्म करके आहिस्ता से आमीन कहिये।      फिर 3 आयात या एक बड़ी आयत जो 3 छोटी आयतो के बराबर हो या कोई सूरत मसलन सूरए इखलास पढ़िये।      अब "अल्लाहु अकबर" कहते हुए रुकूअ में जाइये। बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله   ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 148-150 www.facebook.com/Arzooemadeena www.Instagram.com/arzooemadeena www.Arzooemadina.blogspot.in

नमाज का तरीका

नमाज़ का तरीका       (Part No. 08)      बा वुज़ू किब्ला रु इस तरह खड़े हो की दोनों पाउ के पन्जो में 4 उंगल का फ़ासिला रहे और दोनों हाथ कानो तक ले जाइये की अंगूठे कान की लौ से छु जाए और उंगलिया न मिली हुई हो न खूब खुली बल्कि अपनी हालत पर (normal) रखे और हथेलिया किबले की तरफ हो नज़रे सज्दे की जगह हो।      अब नमाज़ पढ़ना है उस की निय्यत यानि दिल में उसका पक्का इरादा कीजिये साथ में ही ज़बान से भी कह लीजिये की ज्यादा अच्छा है।      अब तकबीरे तहरीमा यानि "अल्लाहु अकबर" कहते हुए हाथ निचे लाइये और नाफ़ के निचे इस तरह बंधिये की सीधी हथेली की गद्दी उलटी हथेली के सिरे पर और बिच की 3 उंगलिया उलटी कलाई की पीठ पर और अंगूठा और छोटी ऊँगली कलाई के अगल बगल हो। बाक़ी अगली पोस्ट में..ان شاء الله ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 148 www.facebok.com/Arzooemadeena www.instagram.com/arzooemadeena www.Arzooemadina.blogspot.com

आदमी पर अपने नफ़्स के आदाब

     आदमी पर अपने नफ़्स के आदाब     •••••••••••••••••••••••••••••••••••       नमाज़े जुमुआ और बा जमाअत नमाज़ पर    हमेशगी इख़्तियार करे, लिबास की पाकीज़गी व सफाई        का ख्याल रखे, हमेशा मिस्वाक करने की आदत बनाए,  न तो शोहरत वाला लिबास पहने और न ही ऐसा  लिबास पहने कि जिस कि जिस की वजह से लोग उसे        हक़ारत की नज़रों से देखें!! न तो बतौरे तकब्बुर इतने लम्बे कपड़े पहने कि टखनों से निचे लटक जाएं और न ही इतने छोटे हों कि लोग मज़ाक उड़ाने लगें, न चलने फिरने में इधर उधर देखे, न गैर महरम की तरफ देखे, गुफ्तगू के दौरान बार बार थू थू न करे, न पड़ोसियों के साथ अपने घर के दरवाज़े पर ज़्यादा देर बैठे और न ही अपने दोस्तों से अपनी बीवी और घर के पोशीदा मुआमलात के मुतअल्लिक़ गुफ्तगू करे। ✍🏼आदाबे दीन

Ghar Mein dakhil hote waqt ki dua

Bismillahirrahmanirrahim Hadith: Ghar Mein dakhil hote waqt ki dua ✦ Jabir bin Abdullah Radi Allahu Anhu se rivayat hai ki Rasool-Allah Sal-Allahu Alaihi wasallam ne farmaya jab aadmi apne ghar mein jata hai aur ghar mein dakhil hote waqt aur khate waqt Allah Subhanahu ka naam leta hai to shaitan kahta hai yaha na tumhare rahne ka thikana hai aur na khane ka Aur jab ghar mein dakhil hote waqt Allah ka naam nahi leta to shaitan kahta hai tumhare rahne ka thikana mil gaya aur jab khate waqt bhi Allah ka naam nahi leta hai to shaitan kahta hai tumhare rahne ka bhi thikana mil gaya aur tumhare khane ka bhi Sahih Muslim, Jild 5, 5262 ----------- ✦ जाबिर बिन अब्दुल्लाह रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया जब आदमी अपने घर में जाता है और घर में घुसते वक़्त और खाते वक़्त अल्लाह का नाम लेता है तो शैतान कहता है यहाँ ना तुम्हारे रहने का ठिकाना और ना खाने का और जब घर में घुसते वक़्त अल्लाह का नाम नही लेता तो शैतान कहता है तुम्हारे रहने का ठिकाना

HALAL RIZAQ OR ILM E NAFE KI DUA

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HALAL RIZAQ OR ILM E NAFE KI DUA Hazrat Umme Salma Razi Allahu Anha farmati he ke RASULLAH SALLALLAHU ALAYHI WASLLAM Fazar ki NAMAZ ke bad ye DUA farmate :- اَللّٰهُمَّ اِنّيْ اَسْءَلُكَ عِلْمًانَّافِعًاوَّرِزْقًاطَيّبًاوَّعَمَلًامُّتَقَبَّلًا Tarzuma :- Ya ALLAH ! Mai Tujse Halal Rizaq, Nafa Pahuchane wala Ilm aur Makbul Amal Ka Sawal Karta hu.  📚 Ibne Maja-925 Hazrat Umme Salma Razi Allahu Anha

KARAMAAT-A-GAUS-A-AAZAM

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KARAMAAT-A-GAUS-A-AAZAM     Hazrat Isa Alaihi Salam Ka Zamana Paane Ki Khaber Dena Aapke Sahaab-Zaade Hazrat Abdul Wahab Rehmatullah Alaihi Ke 5 Bete The! Un Mayse Ek Hazrat Sayyad Jamalullah Aapke Hum-Shakl Aur Hum-Shabih Aur Nihayat Khub-Sirat The! Aapne Unse Farmaya Ki Teri Umr Lambi Hogi, Tu Zamana Hazrat Isa Alaihi Salam Ka Payega! Mera Salam Unki Khidmat May Pahuchana! To Wo Abhi Zinda Aur Maujudh Hain Aur 7 Abdaal Mayse Ek Abdaal Hain Aur Shaher Bistaan May Tehre Hue Hain! (Masalikul Saalikeen, Pg-345)        TASHRIH    ✴✴✴✴✴✴ Is Karamat Se Malum Hua Ki Hazrat Sayyad Jamalullah Rehmatullah Alaihi, Sayyadina Gaus-A-Aazam Rehmatullah Alaihi Ke Zamane Se Zinda Hain Aur Zinda Rahege, Yahan Tak Ki Wo Hazrat Isa Alaihi Salam Ka Zamana Pa Lege! Jabki Hazrat Isa Alaihi Salam Chauthe Aasmaan Se Duniya May Dobara Tashrif Layege, Jaise Ki Hadees Sharif May Aaya Hain! Hazrat Sayyad Jamalullah Rehmatullah Alaihi Ki Us Waqt Maut Nahi Hogi Jabtak Ki Sayyadina Gaus-A-Aazam

नमाज का तरीका

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❇नमाज़ का तरीक़ा❇ ( Part.nu 07)  नमाज़ का चोर      हज़रते अबू क़तादा رضي الله تعالي عنه से रिवायत है की सरकारे मदीना ﷺ का फरमाने बा करीना है : लोगो में बद तरीन चोर वो है जो अपनी नमाज़ में चोरी करे। अर्ज़ की गई : या रसूलुल्लाह ﷺ ! नमाज़ का चोर कौन है ?फ़रमाया : वो जो नमाज़ के रूकू और सजदे पुरे न करे। ✍🏼मस्नद इमाम अहमद हम्बल, जी.8 स.386 हदिष : 22705

नमाज का तरीका

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❇नमाज़ का तरीक़ा❇      (Part nu... 06)  बुरे खतिमे का एक सबब      हज़रते इमाम बुखारी अलैरहमा फरमाते है, हज़रते हुजैफा बिन यमान رضي الله تعالي عنه ने एक शख्स को देखा जो नमाज़ पढ़ते हुए रूकू और सुजूद पुरे अदा नहीं करता था।

FIRAAQ-A-MEHBOOB

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🌹●»FIRAAQ-A-MEHBOOB«●🌹 (MEHBOOB KI JUDHAI)     ************** 🍁HIQAYAT🍁      ****** 🌸Hazrat Siddiq-A-Akbar Radi-Allahu-Ta'aala-Anhu Ko Huzoor SALLALLAHU-TA'AALA-ALAIHI-WASALLAM Se Is Qadr Mohabbat Thi Ki Huzoor SALLALLAHU-TA'AALA-ALAIHI-WASALLAM Ke Visaal Sharif Ke Baad Aap Firaaq-A-Mehboob (Mehboob Ki Judhai) Ke Sadhmay May Be-Chain Rehne Lage Aur Thodi Muddat Ke Baad Hi Aap Bimaar Pad Gaye! 🌸Aapke Ilaaj Keliye Ek Haakim Ko Bulaya Gaya! Haakim Ne Bade Gaur Se Dekha Aur Kaha Ki Yeh Mareez Kisi Ki Mohabbat May Bimaar Hain! Inka Mehboob Inse Judha Hain! Isi Firaaq-A-Mehboob Ke Gham May Yeh Bimaar Hue! Inka Ilaaj Didaar-A-Yaar Ke Alawa Aur Kuch Nahi! Jahan Tak Hosake Inke Mehboob Ko Ineh Dikhao! (Siratus Saliheen Pg-90) *************** 🌷SABAK🌷      **** 🍁Siddiq-A-Akbar Radi-Allahu-Ta'aala-Anhu Sacche Mehboob (SALLALLAHU-TA'AALA-ALAIHI-WASALLAM) Ke Sacche Muhib (Chahne Wale) Wa Taalib The! ************** www.Arzooemadina.blogspot.com www.faceb

Farmane Mustafa

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NABI E KAREEM Sallallahu Alayhi Wa Aalihi Wa Sallam Ne Irshad Farmaya: "Aye logon..! Beshak baroz E Qayamat iski Dehshaton Aur Hisab Kitab Se jald Najat Paane Wale Shaqsh Wo honge Jisne Tum Me Se Mujh Par Duniya Ke Andar Ba Kasrat Dariodd Sharif Padhe Honge. " (Alfirdous bemasoor-ul-khataab/Vol:5/P.277/ Hadith No:8175) Farmane mustafa 

नमाज़ का तरीक़ा

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❇ नमाज़ का तरीक़ा ❇         { PART NU... 05}  ⭐  नमाज़ पर नूर या तारीकी के अस्बाब ⭐      🌷 हज़रते उबादा बिन सामित رضي الله تعالي عنه से रिवायत हैं की हुज़ूर ﷺ का फरमाने आलिशान है, जो शख्स अच्छी तरह वुज़ू करे, फिर नमाज़ के लिये खड़ा हो, इसके रूकू, सुजूद और किरआत को मुकम्मल करे तो नमाज़ कहती है, अल्लाह तआला तेरी हिफाज़त करे जिस तरह तूने मेरी हिफाज़त की। फिर उस नमाज़ को आसमान की तरफ ले जाया जाता है और उस के लिये चमक और नूर होता है।

नमाज़ का तरीक़ा

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❇ नमाज़ का तरीक़ा ❇      { PART NU.. 04 }    ⭐शदीद ज़ख़्मी हालत में नमाज़⭐      🌷जब हज़रते उमर फारुके आज़म رضي الله تعالي عنه पर क़ातिलाना हमला हुआ तो अर्ज़ की गई, ऐ अमीरुल मुअमिनीन ! नमाज़ का वक़्त है।      🌷फ़रमाया, जी हा, सुनिये ! जो शख्स नमाज़ को जाएअ करता है उसका इस्लाम में कोई हिस्सा नहीं।      और आप ने शदीद ज़ख़्मी होने के बा वुज़ूद नमाज़ अदा फ़रमाई।  ✍🏼नमाज़ के अहकाम, सफा 145 🔃⏩ Continue.... facebook.com/Arzooemadeena www.Arzooemadina.blogspot.com

KARAMAAT-A-GAUS-A-AAZAM

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🌹•»KARAMAAT-A-GAUS-A-AAZAM«🌹      *************** 🌷 KARAMAATE GOUS AZAM  Logon Ke Dil Aapke Dast-A-Tasarruf May Hona🌷     Shaikh Umar Bajaj Rehmatullah Alaihi Se Nakl Hain Ki, Aapne Farmaya Ki Main Hazrat Sayyad Moiuddin Abdul Qaadir Jilani Rehmatullah Alaihi Ke Sath Juma Ke Din Jama Masjid Ki Taraf Gaya! Aapko Kisine Salam Na Kiya! Maine Kaha Yeh Ajib Baat Hain Hum To Har Juma Jama Masjid May Jate Aur Hazrat Abdul Qaadir Jilani Rehmatullah Ke Sath Is Qadr Bheed Hoti Thi Ki Hum Mushkil Se Pahuchte The!    Maine Yeh Baat Abhi Puri Bhi Na Ki Thi Ki Hazrat Abdul Qaadir Jilani Rehmatullah Alaihi Ne Meri Taraf Dekha Aur Muskuraye Aur Logon Ne Salam Kehne May Jaldi Ki, Yahan Tak Ki Mujh May Aur Aap May Log Bich May Aagaye!   Fir Maine Dil May Kaha Ki Wo Haal Is Haal Se Behter Tha! Tab Aapne Meri Taraf Tawajjo Ki Aur Muskuraate Hue Farmaya, Aye Umar! Tum Hi Ne Irada Kiya Tha, Kya Tumeh Malum Nahi Ki Logon Ke Dil Mere Hath May Hain, Agar Chahoon To Apni Taraf Se Fher Doon Au